मल्लिनाथ जी की आरती | Mallinath ji ki Aarti
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
मिथिला नगरी जन्मे स्वामी (२)
प्रजावती माँ हैं जगनामी (२)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
कुम्भराज पितु तुम सम शिशु पा (२)
कहलाये सचमुच रत्नाकर (२)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
मगशिर सुदी ग्यारस तिथि प्यारी (२)
जन्मे त्रिभुवन में उजियारी (२)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
जन्म तिथि में ली प्रभु दीक्षा (२)
कहलाये प्रभु कर्म विजेता (२)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे (२)
Image source:
'Jain statues in Anwa, Rajasthan 33' by Capankajsmilyo, image compressed, is licensed under CC BY-SA 4.0
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