बगलामुखी माता के मंत्र | Baglamukhi mata ke Mantra
बगलामुखी माता को तंत्र की १० विद्याओ में से एक मन गया है। ऐसा मन जाता है की समस्त ब्रह्माण्ड की कोई भी शक्ति माँ बगलामुखी की शक्ति के आगे नहीं टिक सकती है। इसी कारणवश माँ बगलामुखी की साधना शत्रु के भय से मुक्ति के लिये, शत्रु पर विजय पाने के लिये तथा प्रभावशाली वाक शक्ति को पाने के लिये की जाती है।
मंत्र का जाप कितनी बार करे?
- शत्रु बाधा दूर करने के लिये माँ बगलामुखी के मंत्र का जाप काम से काम १०००० (दस हज़ार) बार करना चाहिय।
- अगर शत्रु बोहत ही ज़्यादा शक्तिशाली हो या फिर जीवन मरण का प्रश्न हो, तो बगलामुखी माता के मंत्र का जाप १२५००० (एक लाख पच्चीस हज़ार) बार करना चाहिये।
- जो व्यक्ति बगलामुखी माता के मंत्र का जाप हररोज़ करता है उसे अपने जीवन में कभी भी कोई आकस्मिक परेशानी या हार का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा, बगलामुखी माँ के मंत्र का जाप करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है और ऐसी व्यक्ति हमेशा अपने द्वारा किये गए प्रयासों में सफल होती है।
बगलामुखी बीज मंत्र
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥
शत्रु को परास्त करनेवाला बगलामुखी मंत्र
ॐ ह्लीं बगलामुखी अमुक (शत्रु का नाम) दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥
भय नाशक मंत्र:
ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन
शत्रु नाशक मंत्र:
ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु
नजर उतारने का मंत्र:
ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय
प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता पाने का मंत्र:
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा:
संतान रक्षा मंत्र:
ॐ हं ह्लीं बगलामुखी देव्यै कुमारं रक्ष रक्ष
लंबी आयु का मंत्र:
ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:
शक्ति वृद्धि मंत्र:
ॐ हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ
सर्व सुरक्षा कवच मंत्र:
ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम
बगलामुखी माँ के मंत्रो का जाप कब और कैसे करे?
- मंत्रो का जाप रात्रि के १० से लेकर सुबह के ४ बजे के बिच में ही करे।
- मंत्रो का जाप करते समय पीले वस्त्रो को धारण करे।
- दीपक की बाती को पीली हल्दी में रंगकर शुद्ध गाय के घी में ही जलाये।
- बगलामुखी माँ के मंत्रो का जाप हवन या माँ की साधना के साथ करने से लाभ जल्दी होता है। साधना - हवन के लिये ऊपर बताई गयी बातो के साथ निचे बताये गये नियमो का भी ध्यान रखे।
- साधना के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य रूप से करे।
- एक समय बिना नमक और शक्कर के उपवास रखे या फिर सिर्फ फल ही खाये।
- साधना अनुष्ठान के दिनों में बाल नहीं कटवाये।
- माँ की साधना किसी पवित्र स्थान पर एकांत में ही करे।
- साधना में माँ का यन्त्र केवल चने की दाल से ही बनाये।
विशेष मनोकामना पूर्ति के लिये हवन में निचे बताई गयी वस्तुओ को अवश्य डाले:
- दूध में भिगोया हुआ तिल तथा चावल: ऐश्वर्य, धन और प्रसिद्धि के लिये
- अनार और कनेर के पत्ते: संतान प्राप्ति के लिये
- कुम्भार से लायी हुई चाक की मिटटी, एक हाथ की लम्बाई की अरंड की लकड़ी और सुविधा अनुसार शहद या चीनी में भुना हुआ चावल: रोग मुक्ति एवम आरोग्य प्राप्ति के लिये
- गुग्गुल और तिल: खोया हुआ सामाजिक सम्मान वापस पाने के लिये
- शहद नैन मिला हुआ तिल: किसी के अपनी बात मनवाने के लिये या फिर किसी को वशीकृत करने के लिये
- हरिताल, नमक और हल्दी की गांठे: शत्रु से मुक्ति के लिये
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