मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी की आरती | Prabhu Shree Ram ki Aarti

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी की आरती के २ वर्णन है। मैंने दोनों वर्णनों को आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। 

श्री राम जी की आरती (वर्णन १): आरती कीजै श्री रघुवर जी की ... | Shree Ram ji ki Aarti (version 1): Aarti kije shree Raghuvir ji ki ...

आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥

दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥

अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥

हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की॥

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥

विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की॥

शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥

नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की॥

यह आरती को राम नवमी और विजया दशमी के दिन एवम श्री रामचरित मानस, सुन्दरकाण्ड तथा रामायण के पठन के वक़्त किया जाता है।  

श्री राम जी की आरती (वर्णन २): आरती कीजै रामचन्द्र जी की ... | Shree Ram ji ki aarti (Version 2): Aarti kije Ramchandra ji ki ...

आरती कीजै रामचन्द्र जी की।
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥

पहली आरती पुष्पन की माला।
काली नाग नाथ लाये गोपाला॥

दूसरी आरती देवकी नन्दन।
भक्त उबारन कंस निकन्दन॥

तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।
रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥

चौथी आरती चहुं युग पूजा।
देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥

पांचवीं आरती राम को भावे।
रामजी का यश नामदेव जी गावें॥

अगर श्री राम जी की आरती के और कोई वर्णन के बारे में आपको पता हो तो कृपया अपने ज्ञान को हमसे साजा करे। 


Image Source:

'Rama exiled to Forest' by Tej Kumar Book Depo, is licensed under CC0 1.0

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